कोरोना ने क्या दी दस्तक ? थम सा गया है यह वक्त । कोरोना ने क्या दी दस्तक ? थम सा गया है यह वक्त ।
रेत के समान है वक्त बंद मुट्ठी से भी फिसल जाता है, जो वक्त के साथ चले वक्त उसी के साथ। रेत के समान है वक्त बंद मुट्ठी से भी फिसल जाता है, जो वक्त के साथ चले वक्त उस...
सोचो, गर ऐसा हो पाता धरती उग पाती आंगन के गमलों में। सोचो, गर ऐसा हो पाता धरती उग पाती आंगन के गमलों में।
क्या कलम कुसाई करे हम मां के बारे में अज़ीम हस्ती है मां कुदरत के कारखाने में। क्या कलम कुसाई करे हम मां के बारे में अज़ीम हस्ती है मां कुदरत के कारखाने में...
कंधो की कमी को हमने पूरा किया हर एक को अपने अपना कंधा दिया। कंधो की कमी को हमने पूरा किया हर एक को अपने अपना कंधा दिया।
तुम तो ऐसे न थे, हवाओं के साथ बहते न थे। तुम तो ऐसे न थे, हवाओं के साथ बहते न थे।